डाकघरों के 25 हजार खातों में 5 करोड़ जमा, इनमें 10 साल से कोई लेन- देन नहीं, अब ये रकम लगेगी बुजुर्गों के कल्याण में

रायपुर 


राजधानी समेत प्रदेशभर के डाकघरों में आम लोगों के 24560 ऐसे खाते हैं, जिनमें थोड़ी-थोड़ी रकम है लेकिन पिछले 10 साल से इनसे किसी ने न तो पैसे निकाले और न ही जमा किए हैं। सबको मिलाकर यह रकम 5 करोड़ रुपए से अधिक हो गई है। चूंकि खाते ही आपरेटिव नहीं हैं, इसलिए डाक विभाग इस रकम को एक साथ लेकर सीनियर सिटीजन कल्याण निधि में जमा करने जा रहा है। 
इस निधि से बुजुर्गों के कल्याण के कई तरह के सामाजिक काम करने का प्लान है। डाक अफसरों के मुताबिक ऐसे तकरीबन 25 हजार खातों के मालिकों की जानकारी भी जुटाने की कोशिश की गई, लेकिन यह पता नहीं चल पाया कि खाते में रकम जमा कराने वाले लोग अभी कहां है? हर डाकघर के बाहर नोटिस लगाया गया कि अगर किसी का खाता है तो वे आकर इसे चालू करवाएं। 



डाक विभाग ने पहले ही नोटिस में कहा था कि 29 फरवरी तक इन खातों के मालिक सामने नहीं आते हैं तो यह रकम वरिष्ठ नागरिक कल्याण निधि में डाला जाएगा। इसलिए विभाग ने यह प्रक्रिया शुरू की है। एक खाताधारी को दो नोटिस जारी करने के बाद उसके खाते की रकम सीनियर सिटीजन वेलफेयर में ट्रांसफर की जा रही है। 



ऑनलाइन होने से पता चला : डाकघरों को हाईटेक करने के लिए केंद्र सरकार ने सभी डाकघरों के बैंकिंग सिस्टम को ऑनलाइन करने का फैसला किया। बैंक के खातों की इंट्री ऑनलाइन करने के दौरान ही इस बात की जानकारी मिली कि यहां के डाकघरों में ऐसे हजारों खाते हैं जिनमें एक दशक से कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ है। ऐसे खाताधारकों से उनकी ओर से दिए गए फोन नंबरों पर भी संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन लाभ नहीं हुअा। रायपुर संभाग में 76 पोस्टऑफिस और 543 ब्रांच पोस्ट ऑफिस हैं। इनमें खातों की संख्या भी हजारों में है। 


100 से 1 लाख तक जमा, पैसे निकालने नोटिस


जिन खातों में किसी भी तरह का कोई ट्रांजेक्शन नहीं हुआ है उनमें 100, 500, 1000, 5000, 10000 और इससे ज्यादा की रकम जमा है। कुछ खाते ऐसे भी हैं जिनमें 50 हजार से एक लाख रुपए तक जमा हैं। डाक विभाग में स्टाफ की कमी के कारण सभी लोगों को नोटिस नहीं भेजी जा सकी। इसलिए सबको नोटिस भेजने के बजाय डाकघरों में ही इन खातों से रकम निकाल लेने की नोटिस चस्पा कर दी गई। ऑनलाइन भी इन खातों की जानकारी डाली जा रही है।


अभी भी कर सकते हैं क्लेम 
खाताधारियों को नोटिस मिलने या अभी ऐसे खातों की जानकारी होने के बाद लोग इन खातों में डाली गई रकम पर क्लेम कर सकते हैं। जरूरी दस्तावेजों के साथ वे खाते में सीज की गई रकम निकाल सकते हैं।


वेलफेयर फंड में उपयोग होगा
 


केंद्रीय योजना के तहत एक दशक से खातों में ट्रांजेक्शन नहीं करने वालों को नोटिस दी जा रही है। जो खाते सीज किए जा रहे हैं उन खातों की रकम सीनियर सिटीजन वेलफेयर फंड में उपयोग की जाएगी।  -एचके महावर, प्रवर अधीक्षक रायपुर

सीज रकम का उपयोग ऐसे 
डेड खातों से जब्त की गई रकम बुजुर्गों की सुविधाएं जुटाने में खर्च की जाएगी। केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत इस रकम से बुजुर्गों को आर्थिक मदद के साथ ही उन्हें कम दर में लोन उपलब्ध कराया जाएगा। इतना ही नहीं सीनियर सिटीजन के प्रस्तावों को मंजूरी देने के लिए भी रकम इसी योजना के तहत खर्च की जाएगी। बेसहारा बुजुर्गों की मदद के लिए उन्हें बेहतर घर उपलब्ध कराने की भी कोशिश की जाएगी, ताकि कई बुजुर्ग वहां एक साथ रह सकें। इस तरह का काम छत्तीसगढ़ में पहली बार होगा।